गरीब परिवारों का चयन नहीं कर पाई नगर परिषद , बेच दिए आशियाने

हमीरपुर
Municipal Council Hamirpur sold flats to Medical College Hamirpur
शहरी एवं विकास विभाग ने गरीबों के लिए बनाए मकान प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को बेच दिए हैं। गरीबों के आशियानों पर कुछ दिन बाद हमीरपुर मेडिकल कॉलेज का कब्जा होने वाला है। केंद्र सरकार ने इंटिग्रेडिट हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हमीरपुर जिले के लिए बजट उपलब्ध करवाया था। हमीरपुर में कुल 152 फ्लैट का निर्माण होना था। इतने फ्लैट के लिए नगर परिषद के पास भूमि नहीं थी। नप ने हथली खड्ड के समीप महज 5 कनाल भूमि ही मुहैया करवाई। इस भूमि पर 72 फ्लैट का ही निर्माण हो पाया।

हिमुडा के तहत बने फ्लैट का निर्माण कार्य वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। इस पर 4.43 करोड़ खर्च किए गए हैं। 2012 में फ्लैट बनाने का कार्य पूरा हो गया था। करीब पांच कनाल भूमि पर बने ये फ्लैट शहर के गरीब परिवारों को दिए जाने थे, लेकिन नप गरीब परिवारों का चयन नहीं कर पाया। ऐसे में फ्लैट चार साल से धूल फांक रहे हैं। अब नगर परिषद ने इन्हें मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पौने चार करोड़ रुपये में बेच दिया है। यहां भी समस्या आने वाली है। चूंकि, मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण नादौन विस क्षेत्र के गांव जोलसप्पड़ में होगा। मेडिकल कॉलेज जोलसप्पड़ में शिफ्ट होने के बाद यह फ्लैट बेकार हो जाएंगे।

डेढ़ से दो लाख जमा करवाने की थी शर्त
फ्लैट आवंटन को पहले नगर परिषद ने गरीब परिवारों का चयन किया था। प्रत्येक वार्ड से पात्र गरीब परिवारों का चयन किया गया था। बाद में इन्हीं परिवारों को फ्लैट लेने को डेढ़ से दो लाख जमा करवाने के लिए कहा गया। सभी परिवार गरीब थे, ऐसे में डेढ़ से दो लाख रुपये जमा करवाने में असमर्थ थे। ऐसे में गरीब परिवार पैसे जमा नहीं करवा पाए। इसके बाद किसी भी परिवार को फ्लैट का आवंटन नहीं हुआ। प्रत्येक फ्लैट में दो कमरे, एक किचन और शौचालय और बाथरूम अटैच हैं।

डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर के संयुक्त निदेशक राकेश शर्मा ने माना कि मेडिकल कॉलेज ने शहरी विकास विभाग से ये फ्लैट पौने चार करोड़ रुपये में खरीदे हैं। इनके आवंटन से पूर्व एक कमेटी गठित की गई है, जो इन भवनों में लगे इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों की जांच करेगी। इसके बाद इन्हें स्टाफ को आवंटित किया जाएगा।

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